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Webakhbar.com में आपका स्वागत है। यह मानव सूचना संग्रह सह प्रसार केन्द्र दुमका, झारखंड निबंधन संख्या : 159/2012-2013 द्वारा प्रकाशित/संचालित एवं रवि कान्त सुमन द्वारा संपादित हिंदी दैनिक वेब अखबार है। इसके सफल संचालन/प्रकाशन में कोई भी भारतीय नागरिक व्यक्तिगत अथवा संस्थागत अपनी ओर से शुभकामना संदेश एवं विज्ञापन देकर हमारी मदद कर सकते है। इसके लिए मोबाइल संख्या 07870361716, ईमेल : msspkdumka@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। आप हमें जनता से जुड़ी हर प्रकार की सूचनाएं editorwebakhbar@gmail.com पर दे सकते है। शुभकामना संदेश एवं विज्ञापन के लिए संबंधित सभी व्यक्ति/संस्था को मानव सूचना संग्रह सह प्रसार केन्द्र दुमका द्वारा निर्धारित अनुदान राशि देय होगा। धन्यवाद ।
 
 
 

 


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एसकेएमयू परिसर में लगेगा सीसीटीवी कैमरा
सिंडिकेट का निर्णय, महाविद्यालयों के निरीक्षण के लिए बनेगी कमेटी
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दुमका, 7 जुलाई 2014, वेबअखबार। सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाया जायेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा निविदा आमंत्रित की जायेगी। 7 जुलाई को विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो0 डॉ0 कमर अहसन की अध्यक्षता में हुई सिंडिकेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में तय किया गया कि किसी भी महाविद्यालय का परीक्षा होम सेंटर नहीं होगा। बैठक में महाविद्यालयों में पठन-पाठन का बेहतर माहौल तैयार करने के लिए डीएसडब्ल्यू के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर महाविद्यालयों का निरीक्षण करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में किसी भी महाविद्यालय में विश्वविद्यालय से अनुमति लिये बगैर दूरस्थ शिक्षण संस्थान का संचालन नहीं करने, विश्वविद्यालय में प्राप्त निविदा के तहत कम दर वाले सिक्युरिटी एजेंसी को बहाल करने, किसी भी संचिका के निष्पादन में पांच दिनों से अधिक का समय नहीं लगाने, संबंधित शिक्षकों के डेट शिफ्टिंग के मामले में डॉ0 डीएन गोराई से सात दिन के अंदर कुलसचिव को रिपोर्ट लेने तथा संबंधित रिपोर्ट को एक महीना के अंदर एचआरडी को भेजने आदि का निर्णय लिया गया। बैठक में अन्य कई बिन्दुओं पर भी विचार विमर्श करते हुए आवश्यक निर्णय लिया गया। बैठक में प्रतिकुलपति प्रो0 डॉ0 रामयतन प्रसाद, डीएसडब्ल्यू डॉ0 विनोद कुमार झा, प्रभारी कुलसचिव डॉ0 प्रकाश कुमार सिंह सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
क्रांतिकारी आंदोलन की रूपरेखा तय करने को विवि कर्मचारी महासंघ ने 12 जुलाई को बुलाई बैठक
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दुमका, 3 जुलाई 2014, वेबअखबार। झारखंड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय प्रक्षेत्रीय की एक बैठक 12 जुलाई को केकेएम कॉलेज, पाकुड़ में आहूत की है। यह जानकारी देते हुए महासंघ के महामंत्री नेतलाल मिर्धा ने बताया कि बैठक में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की लंबित विभिन्न मांगों पर विचार करते हुए मांगों की पूर्ति के लिए क्रांतिकारी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी। उन्होंने बताया कि बैठक में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के पंचम व छठे वेतनमान का निर्धारण, छठे वेतनमान के आधार पर वेतन भुगतान, पांचवे वेतनमान के एरियर का भुगतान, एसीपी/एमएसपीपी लागू करने, विश्वविद्यालय मुख्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के सृजित व रिक्त पदों पर सामंजन, प्रोन्नति आदि विषयों पर विचार किया जायेगा एवं इसकी पूर्ति के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी।
मधुस्थली बीएड कॉलेज को संबंद्धन देने के लिए लेन-देन की चर्चा
शिक्षक संघ का आरोप, सिंडिकेट के निर्णय का किया स्वागत
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दुमका, 6 जून 2014, वेबअखबार। सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय में 4 जून को हुई सिंडिकेट की बैठक में प्रभारी कुलपति प्रो0 डॉ0 रामयतन प्रसाद के कार्यकाल के दौरान मधुस्थली बीएड कॉलेज को संबंद्धन देने के लिये गये निर्णय को खारिज कर दिया है। इस बावत सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ0 गगन कुमार ठाकुर, सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय सेवा शिक्षक संघ के महासचिव डॉ हशमत अली एवं सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय 2008 शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ अजय सिन्हा और महासचिव डॉ स्वतंत्र सिंह ने सिंडिकेट के उक्त निर्णय का स्वागत किया है। साथ ही शिक्षक संघ के इन नेताओं ने कहा है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए क्योंकि मधुस्थली बीएड कॉलेज को विश्वविद्यालय द्वारा संबंद्धन देने के लिए लेन-देन यानि रिश्वतखोरी की भी चर्चा सामने आ रही है, जो एक गंभीर मामला है। शिक्षक संघ के उक्त नेताओं ने संबंधित 100 शिक्षकों के प्रथम नियुक्ति तिथि के संधारण में हुई विसंगति को दूर करने के मामले में कुलपति डॉ0 कमर अहसन द्वारा त्वरित व साकारात्मक कार्रवाई करने के लिए उनके प्रति आभार भी प्रकट किया है। शिक्षक नेताओं के मुताबिक सर्वोच्च न्यालालय और उच्च न्यालालय के आदेश के बावजूद विश्वविद्यालय में यह मामला लटका हुआ था। शिक्षक संघ के नेताओं ने सिंडिकेट की बैठक में लिये गये अन्य निर्णयों का स्वागत करते हुए कुलसचिव से यह आग्रह किया है कि वे कुलपति और सिंडिकेट के निर्णयों के अनुसार आगे की करवाई में तेजी लायें।
पत्रकारिता : जब छात्र-छात्राओं ने उठायी कलम
एसपी कॉलेज, दुमका में अंग्रेजी विभाग के छात्र-छात्राओं ने निकाला अपना अंग्रेजी अखबार
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दुमका, 13 मई 2014, वेबअखबार। सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय में भले ही अभी तक पत्रकारिता की पढ़ाई शुरू नहीं हो पायी है, लेकिन यहां के छात्र-छात्राओं ने न केवल पत्रकारिता शुरू कर दी है बल्कि उन्होंने अखबार का प्रकाशन भी शुरू कर दिया है। जी हां अब आप एसपी कॉलेज, दुमका में हर हफ्ते दो बार छात्र-छात्राओं द्वारा प्रकाशित तीन दिवसीय अंग्रेजी अखबार पढ़ सकते है। यह अखबार इसी कॉलेज में अंग्रेजी विभाग में अध्ययनरत डिग्री के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है। अखबार का पहला अंक 10 मई 2014 को प्रकाशित किया गया है, जिसे अंग्रेजी विभाग के क्लास रूम के बाहर सूचना पट्ट पर पढ़ा जा सकता है। छात्र-छात्राओं ने अपने अखबार के प्रथम अंक का लोकापर्ण सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ0 गगन कुमार ठाकुर, 2008 शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ0 अजय सिन्हा व अन्य शिक्षकों की उपस्थिति में किया। शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए उनका हौसला बढ़ाया। इस अखबार में विभिन्न विषयों पर आलेख के लिखने के साथ छात्र-छात्राओं ने एक पुस्तक और हिन्दी फिल्म ‘‘हाइवे’’ की भी समीक्षा की है, जो सराहनीय है। जबकि अखबार में कॉलेज के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी गोवर्धन का साक्षात्कार प्रकाशित किया गया है। अखबार में बतौर पत्रकार छात्र-छात्राओं ने मतदान के महत्व व समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार को भी उजागर किया है। अखबार में पत्रकार की भूमिका में नेहा, नयन रंजन, जारनिगार दिलकश, दीप शिखा, श्वेता , दीक्षा, राजू, अंजु, लक्की आदि है। अखबार का पेज डिजालन दिव्या लक्ष्मी ने किया है। बतौर पत्रकार छात्र-छात्राओं ने बताया कि प्रत्येक सप्ताह तीन दिन के अंतराल में अखबार का प्रकाशन किया जायेगा। छात्र-छात्राओं के मुताबिक अखबार का प्रकाशन उन्होंने अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अच्युत चेतन के निर्देशन व मार्गदर्शन में किया है।
सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के नये कुलपति ने कार्यभार संभाला
कहा - छात्रों की समस्या का समाधान करना पहली प्राथमिकता
शिक्षकों ने बांटी मिठाई, कहा- दूर हुआ विश्वविद्यालय से आतंक का माहौल
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दुमका, 10 मई 2014, वेबअखबार। सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के नये कुलपति डॉ0 कमर ऐहसान ने 10 मई अपना कार्यभार संभाला। प्रभारी कुलपति प्रो0 रामयतन प्रसाद के विलंब से विश्वविद्यालय पहुंचने के कारण उन्होंने स्वयं अपना पदभार ग्रहण किया। पदभार संभालने के बाद विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों, शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों व छात्रों ने उनका पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इस अवसर पर वैसे भी शिक्षक विश्वविद्यालय में नजर आये जो पिछले 10 महीने से यहां आने से परहेज करते रहे। नये कुलपति के आगमन से विश्वविद्यालय में खुशी का माहौल नजर आया। खुशी ऐसी कि शिक्षकों ने मिठाई बांटकर एक-दूसरे को विश्वविद्यालय में नये कुलपति की नियुक्ति की बधाई दी। वहीं विश्वविद्यालय के पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ0 पारस मणि सिंह सहित अन्य शिक्षकों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पिछले 10 महीने से विश्वविद्यालय मे आतंक का माहौल व्याप्त था जो आज दूर हुआ। इससे पूर्व पत्रकारों से बातचीत करते हुए नये कुलपति डॉ0 ऐहसान ने कहा कि छात्रों की हर समस्या का समाधान करना उनकी प्राथमिकता होगी। छात्रों को हर सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा। छात्रों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसका खास ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि छात्र अपनी समस्या को लेकर सीधे उनसे मिल सकेंगे। कुलपति ने कहा कि नियमित व अधिक क्लास के साथ डिग्री प्राप्त करने के बाद छात्रों के लिए प्लेसमेंट की व्यवस्था हो इसके लिए भी पहल की जायेगी। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के सीसीडीसी को तीन महीने के अंदर छात्राओं के लिए एक छात्रावास का निर्माण और छात्रावास की सभी समस्या को दूर करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए विश्वविद्यालय का विकास जरूरी है इसके लिए सभी पदाधिकारियों को अपने कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करना होगा।
कुलपति की नियुक्ति पर विश्वविद्यालय शिक्षकों में हर्ष
कहा - अंधेरे से अब निकलेगी विकास की रोशनी, दूर होगा आतंक का माहौल
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दुमका, 8 मई 2014, वेबअखबार। पूर्व कुलपति प्रो0 डॉ0 एम0बशीर अहमद खान के कार्यकाल समाप्ति के बाद लगभग 10 महीने के बाद सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका में कुलपति की नियुक्ति कर दी गयी है। पटना विश्वविद्यालय के डॉ0एहसान कुमैर यहां के नये कुलपति बनाये गये है। यह खबर सुनते ही विश्वविद्यालय में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया है। नये कुलपति की नियुक्ति से चिलचिलाती धूप में भी 8 मई को विश्वविद्यालय का माहौल एकदम ठंडा महसूस हुआ। कल तक जिन शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का चेहरा कुछ भी कहने को तैयार नहीं था आज वह खिला नजर आया। चिलचिलाती धूप में विश्वविद्यालय के बाहर एक दुकान पर कुलपति की नियुक्ति पर चाय का आनंद उठा रहे उन वरीय शिक्षकों के चेहरे पर भी खुशी की झलक देखने को मिली जिनका मिजाज पिछले 10 माह से बिगड़ा हुआ था। नये कुलपति की नियुक्ति पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इन शिक्षकों में डॉ0 गगन कुमार ठाकुर, डॉ0हशमत अली, डॉ0 एलके पांडेय, डॉ0 अजय सिन्हा, डॉ0 सजीव कुमार और डॉ0 जे0 दास ने राज्य के कुलाधिपति सह राज्यपाल का धन्यवाद ज्ञापन किया। स्कमुटा के अध्यक्ष डॉ0 गगन कुमार ठाकुर ने कहा कि देर सही पर कुलपति की नियुक्ति से अब फिर से विश्वविद्यालय की उन समस्याओं के समाधान की उम्मीद जगी है जो पिछले 10 माह से बेवजह लंबित था। उन्होंने कहा कि पिछले 10 माह से विश्वविद्यालय में अराजक माहौल उत्पन्न हो गया था जो अब दूर होगा। विश्वविद्यालय के पूर्व मीडिया प्रभारी डॉ0 जे0 दास ने कहा कि कुलपति की नियुक्ति से विश्वविद्यालय में व्याप्त अंधेरा अब दूर होगा जिससे विकास की रोशनी फैलेगी। वहीं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ 2008 के अध्यक्ष डॉ0 अजय सिन्हा ने कहा कि नये कुलपति के आने से यहां व्याप्त आतंक का माहौल अब दूर होगा। स्मुस्टा के पूर्व संरक्षक डॉ0एलके पांडेय, महासचिव डॉ0 हशमत अली और कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 संजीव कुमार ने भी कुलपति की नियुक्ति पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अब राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से अब तुगलकी शासन दूर होगा, शिक्षा का बेहतर माहौल बनेगा और विश्वविद्यालय का रूका हुआ कार्य फिर से गतिशील होगा।
ईमानदारी से परिश्रम करने पर मिलती है सफलताःप्राचार्य
जसीडीह बीएड कॉलेज में विदाई सह स्वागत समारोह आयोजित
(समारोह को संबोधित करते प्राचार्य ) (समारोह में स्वागत गीत प्रस्तुत करती छात्राएं ) (समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राएं)

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देवघर,7 दिसम्बर 2013, वेबअखबार। जसीडीह बी.एड.कॉलेज के सभागार में शनिवार को नए सत्र के विद्यार्थियों के स्वागत और पुराने सत्र के विद्यार्थियों के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में सीनियर विद्यार्थियों ने जूनियर विद्यार्थियों का गुलाब फूल देकर स्वागत किया। जबकि नये विद्यार्थियों ने अपने सीनियर को कलम देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में नये सत्र के विद्यार्थियों द्वारा एक गुरूकुल नामक एक लघु नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसे उपस्थित लोगों ने खूब सराहा। इस मौके पर प्राचार्य डॉ.एस.दास ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए कठिन व ईमानदार परिश्रम करने पर सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने कॉलेज के सीनियर विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए नये विद्यार्थियों को अपने सीनियर से अनुशासन के साथ ईमानदारीपूर्वक अध्ययन करने की सीख लेने को कहा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक रमण दूबे ने कहा कि इस कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त कर विद्यार्थी अपने उच्चतम लक्ष्य को प्राप्त करें। उन्होंने सीनियर विद्यार्थियों को अपने अगले लक्ष्य की ओर ध्यान लगाने की सलाह दी। मौके पर छात्रा सुनीता मुर्मू और सरोजनी मरांडी ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत रीना सोरेन, नीली नीलिमा, सुजाता, जया ज्योति और रीना की ओर से आदिवासी नृत्य और संगीत प्रस्तुत किया गया। समारोह में विशिष्ट अतिथि प्रो.सत्येन्द्र झा स्नेही के अलावा व्याख्याता बृजमोहन यादव, मंजीत कुमार, इन्द्राणी पॉल, एससी श्रीवास्तव, विकास कुमार, अंजु पंडित, कौशलेश झा सहित सभी नये एवं पुराने सत्र के प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- शालिनी और दिलीप बने सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी
समारोह में सत्र 2012-13 के लिए शालिनी जायसवाल और दिलीप कुमार को सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी घोषित किया गया। इन दोनों विद्यार्थियों का पूरे सत्र में सभी गतिविधियों में भाग लेने तथा अच्छी उपस्थिति के आधार पर इनका चयन किया गया।

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- सेवानिवृत व्याख्याता को दी गई विदाई,
जसीडीह बी.एड.कॉलेज के शिक्षक सत्येन्द्र कुमार झा स्नेही को सेवानिवृति पर विदाई दी गई। इस मौके पर प्राचार्य डा.दास ने उनके कार्यों की सराहना की। महाविद्यालय की ओर से उन्हें शॉल और बुके देकर सम्मानित किया गया।

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- एसकेएमयू : निजाम बदलते ही बदले नियम
चर्चा में है सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो0 डॉ0 रामयतन प्रसाद की कार्यशैली

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- दुमका, 15 अगस्त 2013, वेबअखबार। सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका में 13 जुलाई को कुलपति प्रो0 बशीर अहमद खान का कार्यकाल पूरा हुआ और नए कुलपति की नियुक्ति तक प्रतिकुलपति प्रो0 डॉ0 राम यतन प्रसाद कुलपति के प्रभार में आ गए। प्रभारी कुलपति का आगमन ही चर्चा का विषय बन गया जब वो नियमों का सहारा लेकर कुलपति प्रो बशीर अहमद खान से प्रभार लेने का इंतजार किये वगैर दिन के 2 बजे से पहले ही कुलपति का पॉवर ‘’ एजुम ‘’ कर लिए। कुलपति प्रो0 खान जब एसपी कॉलेज से विदाई लेकर 3 बजे अपने कार्यालय पहुचे तो उन्हें पता चला की ‘’ निजाम ‘’ बदल चूका है। अब वे कुलपति नहीं बल्कि पूर्व कुलपति हैं। प्रभारी कुलपति हेड क्वार्टर छोड़ के बाहर जा चुके थे। सो, प्रो0 खान ने भी नियमों का पालन करते हुए छात्र कल्याण अधिष्ठाता (डीएसडब्ल्यू) जो प्रतिकुलपति के प्रभार में थे उनको अपना प्रभार सौप विदा ली। इसके बाद विश्वविद्यालय में नियमों के अनुपालन का दौर शुरू हुआ। प्रभारी कुलपति प्रो0 प्रसाद ने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में ही कहा कि वे नियम और परिनियमों के आधार पर काम करेंगे। इसकी शुरूआत उन्होंने नियमों का सहारा लेते हुए पूर्व कुलपति प्रो0 खान व अन्य के द्वारा नियुक्त किये गए सभी ओएसडी और को-ऑर्डिनेटर को एक अधिसूचना जारी कर हटा दिया। ज्ञात हो की पूर्व कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के कई कार्यों के संपादन के लिए करीब दर्जन भर ओएसडी व को-ऑर्डिनेटर यहां बनाये गये थे। प्रभारी कुलपति प्रो0 प्रसाद ने इसके बाद फिर नियमों व कुलपति के पॉवर का इस्तेमाल करते हुए संबंद्ध महाविधालयों के लिए विश्वविद्यालय प्रतिनिधि (यूआर) की नियुक्ति की। हालांकि यह बात और है कि पिछले सिंडिकेट में यह शक्ति सिंडिकेट के सदस्यों को दे दी गई थी। लेकिन प्रभारी कुलपति ने यहां अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए यूआर की नियुक्ति की। चर्चा है कि पूर्व कुलपति ने पिछले बार यूआर की नियुक्ति में 2008 में नियुक्त शिक्षकों को भी स्थान दिया था, लेकिन इस बार यूआर की सूची में नये शिक्षकों की संख्या शून्य है। यूआर की नयी सूची में 1996 में नियुक्त शिक्षकों की संख्या एक है। सूत्रों की माने तो यूआर की नियुक्ति में प्रभारी कुलपति प्रो0 प्रसाद ने शिक्षकों के अनुभव एवं अन्य खूबियों को तरजीह दी है। नये नियमों के तहत प्रभारी कुलपति ने सबसे जोरदार फैसला सीबीसीएस के तहत होने वाली 26 जुलाई की परीक्षा को एक दिन पहले रद्द कर उसके स्थान पर वार्षिक प्रणाली से परीक्षा लेने का सुनाया। परीक्षा से संबंधित यह निर्णय यहां उसी परीक्षा बोर्ड की बैठक में लिया गया जो अब तक राजभवन के निर्देश का दुहाई देते हुए सेमेस्टर सिस्टम के तहत परीक्षा आयोजन की तैयारी कर रहा था। प्रभारी कुलपति प्रो0 प्रसाद ने अपने अब तक के कार्यकाल में बीएड के दाखिले के नियमों में भी परिवर्तन कर निजाम बदलने का संकेत दिया है। .पिछले सत्र तक बीएड के दाखिले के लिए केन्द्रीकृत व्यवस्था लागु थी। छात्र 1 फॉर्म खरीद कर संबंधित पांचों बीएड कॉलेजों में एक ही जगह आवेदन कर सकते थे। लेकिन नये नियम के तहत अब उन्हें पांचों कॉलेजों में 500 रुपया प्रति कॉलेज फॉर्म खरीद कर आवेदन देना होगा। इस व्यवस्था से विश्वविद्यालय के फण्ड में इजाफा तो होगा लेकिन संताल परगना जैसे पिछड़े व गरीब इलाके के छात्रों को 500 की जगह 2500 रूपये लगेंगे और आने-जाने का खर्च अलग से। पूर्व कुलपति प्रो0 खान के समय में भी यह व्यवस्था थी जिसमें गड़बड़ी की शिकायत पर उन्होंने केन्द्रीकृत व्यवस्था लागु की थी। प्रभारी कुलपति ने नियमों का सहारा लेकर वर्तमान में कुलसचिव का प्रभार सीसीडीसी को सौंपा है, जिनकों इससे पहले सिंडिकेट के विरोध के कारण कुलसचिव के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सूत्रों की माने तो सीसीडीसी को कुलसचिव का प्रभार दिये जाने पर सरकार स्तर से भी आपत्ति दर्ज की गयी थी। इसी प्रकार प्रभारी कुलपति ने नियम व अधिनियम का सहारा लेते हुए परीक्षा नियंत्रक का प्रभार भी सहायः कुलसचिव को सौंपा है। जानकारों के मुताबिक परीक्षा नियंत्रक का पद शिक्षक का होता है। बहरहाल, प्रभारी कुलपति द्वारा नियम व अधिनियमों का अनुपालन यहां चर्चा का विषय बना हुआ है। (दुमका से प्रकाशित हिन्दी साप्ताहिक बासुकि मेल की खबर)
(दुमका से प्रकाशित हिन्दी साप्ताहिक बासुकि मेल की खबर)

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना पर उठे सवाल
मामला - ओएसडी व को-आर्डिनेटर को पद मुक्त करने का

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- (विश्वविद्यालय द्वारा 25 जुलाई को जारी अधिसूचना)

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- दुमका, 26 जुलाई 2013, वेबअखबार। सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय द्वारा 25 जुलाई को जारी एक अधिसूचना (संख्या 91/13) के तहत भले ही यहां के ओएसडी और को-आर्डिनेटर के पद पर कार्यरत संबंधित शिक्षक वापस अपने-अपने कॉलेज/विभाग जाने की तैयारी में लग गये है, पर उक्त अधिसूचना को ध्यान से पढ़ने के बाद कई बुद्धिजीवियों ने इस पर सवालिया निशान लगा दिया है। संबंधित बुद्धिजीवियों का कहना है कि उक्त अधिसूचना के जारी होने के बाद यह बात सामने आयी है कि विश्वविद्यालय में नियुक्त सभी ओएसडी और को-आर्डिनेटर पद मुक्त कर दिये गये है। लेकिन अधिसूचना कुछ और ही कह रहा है। बुद्धिजीवियों का कहना है कि प्रभारी कुलपति (अधिसूचना में कुलपति ) के आदेश पर कुलसचिव के हस्ताक्षर से जारी उक्त अधिसूचना (खबर के साथ विश्वविद्यालय द्वारा जारी उक्त अधिसूचना भी प्रकाशित) में विश्वविद्यालय में नियुक्त सभी ओएसडी और को-आर्डिनेटर द्वारा जारी सभी अधिसूचनाओं व आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की बात कही गयी है न कि ओएसडी व को-आर्डिनेटर के पद को निरस्त करने की। साथ ही यदि इस अधिसूचना का सही क्रियान्वयन हो तो परीक्षा विभाग के ओएसडी डॉ0 सीके सिंह द्वारा यदि स्नातक की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए को-आर्डिनेटर व परीक्षकों की नियुक्ति की गयी होगी तो वह भी निरस्त हो जायेगी। इस स्थिति में परीक्षा विभाग को संबंधित उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए फिर नये सिरे से परीक्षकों की नियुक्ति करनी होगी। इसी तरह बीबीए-बीसीए आदि व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन व इसमें नामांकन से संबंधित यदि इसके को-आर्डिनेटर द्वारा कोई आदेश या अधिसूचना जारी किया गया होगा तो वह भी निरस्त माना जायेगा। यानी विश्वविद्यालय द्वारा जारी उक्त अधिसूचना शिक्षक व छात्रों के बीच भ्रम पैदा करने वाला है। बुद्धिजीवियों की माने तो विश्वविद्यालय को उक्त अधिसूचना में संशोधन कर यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर प्रभारी कुलपति द्वारा झारखंड राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 2000 के तहत यहां नियुक्त ओएसडी और को-आर्डिनेटर के पद पर कार्यरत शिक्षकों की सेवा को निरस्त किया गया है कि उनके द्वारा जारी सभी अधिसूचनाओं व आदेशों को। इधर इस संबंध में जब विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में नियुक्त ओएसडी और को-आर्डिनेटर से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। बहरहाल, विश्वविद्यालय द्वारा जारी उक्त अधिसूचना यहां चर्चा का विषय बना हुआ है।

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- सीबीसीएस के तहत ही होगी पीजी सेमेस्टर 2-3 की परीक्षा, परीक्षा बोर्ड की लगी मुहर
एसकेएमयू में परीक्षा बोर्ड, एकेडमिक काउंसिल व स्थानांतरण कमेटी की हुई बैठक

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(परीक्षा बोर्ड की बैठक में कुलपति व अन्य )

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- दुमका, 20 मई 2013, वेबअखबार। राजभवन के निर्देश के आलोक में सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका द्वारा स्नातकोत्तर द्वितीय व तृतीय सेमेस्टर सत्र 2012 की परीक्षा सीबीसीएस के तहत ही आयोजित किया जायेगा। जबकि स्नातकोत्तर सत्र 2012-2014 में नामांकित छात्र-छात्राओं की परीक्षा पुराने पेर्टन के आधार पर होगा। सोमवार को कुलपति प्रो0 डॉ0 एम0 बशीर अहमद खान की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय परीक्षा बोर्ड की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। परीक्षा विभाग के सहायक कुलसचिव राजकुमार झा के मुताबिक बैठक में बीबीए व बीसीए डिग्री टू सत्र 2011-12 की परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को अधिकतम 5 अंक ग्रेस देने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ बैठक में स्नातक स्तर की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रति उत्तर पुस्तिका पारिश्रमिक 7 रूपये से बढ़ाकर 10 रूपये तथा स्नातकोत्तर स्तर की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रति उत्तर पुस्तिका पारिश्रमिक 10 रूपये से बढ़ाकर 15 रूपये करने की अनुशंसा की गयी, जिसे वित्त कमेटी एवं वित्त परामर्शी के समक्ष रखने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रतिकुलपति प्रो0 डॉ0 रामयतन प्रसाद, डीएसडब्ल्यू डॉ0 एसएन राय, प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो0 डॉ0 एनके अम्बष्ठ, परीक्षा नियंत्रक डॉ0 पीके राय, परीक्षा विभाग के ओएसडी डॉ0 सीके सिंह सहित सभी संकाय के डीन उपस्थित थे। परीक्षा बोर्ड की बैठक के बाद कुलपति की अध्यक्षता में एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें परीक्षा बोर्ड में लिये गये उक्त निर्णयों का अनुमोदन किया गया। सहायक कुलसचिव इग्नेशियस मरांडी ने यह जानकारी दी। श्री मरांडी के मुताबिक बैठक में विज्ञान के डीन डॉ0 पीके घोष द्वारा समर्पित संबंधित प्रतिवेदन को निरस्त करते हुए वर्ष 2011 में नामांकित छात्र-छात्राओं का अंतिम परीक्षा 2014 तक हर हाल में लेने का निर्णय लिया गया। इसके साथ बैठक में बीएड सत्र 2013-14 में नामांकन के लिए पांचवी चयन सूची का प्रकाशन विश्वविद्यालय स्तर से करने तथा बीएड के लिए तैयार सिलेबस में व्याप्त त्रुटियों को सुधारन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया, जिसमें डीएसडब्ल्यू डॉ0 राय, समाजशास्त्र के डीन प्रो0 डॉ0वाई पी राय और गोड्डा कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 जीके ठाकुर को शामिल किया गया। एकेडमिक काउंसिल की बैठक के बाद विश्वविद्यालय में सोमवार को स्थानांतरण कमेटी की भी बैठक हुई थी।

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- दीक्षांत समारोह में 28 को मिला गोल्ड मेडल
( राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं (फोटोः मृत्युंजय पांडेय की) )

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दुमका, 29 अप्रैल 2013, वेबअखबार। 29 अप्रैल को आयोजित सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों के टॉपर 28 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं में स्नातक में दिव्येन्द्र कुमार, अमृता मंजुल, शिल्पा दास गुप्ता, विशाल कुमार, अमित कुमार मंडल, ज्योति कुमारी, आशीष गोपाल मुर्मू, झूलन कुमार साहा, सुलताना अलमी, मीमांषा कुमारी, दीपेन मंडल, कुमारी छवि मुर्मू, दीनू कुमारी साहा, प्रिया भारती, अर्चना कुमारी, सुमन कुमारी, मीनू पांडेय, मो0 परवेज आलम, हरि नारायण महतो, कुमारी रंजिता, संजय कुशवाहा, दुलाल सरकार, कुमार अभिजीत और मो0 सोहेल अख्तर के नाम शामिल है। जबकि एमएड में अमृता पांडेय, बीसीए शिल्पी, बीबीए मंजीत कुमार सिंह और एएसपीएसएम में सुजाता घोष को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। उक्त छात्र-छात्राओं में दिव्येन्द्र कुमार, कुमार अभिजीत, मो0 सोहेल अख्तर, अमृता पांडेय एवं शिल्पी को राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड मेडल दिया गया।

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- जब सांसद निशिकांत ने कहा विश्वविद्यालय का विकास चाहते है तो कुलपति प्रो0 डॉ0 एम0बशीर अहमद खान को जाने मत दीजिएगा
( कुलपति, प्रो0 डॉ0 एम0बशीर अहमद खान )

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रवि कान्त सुमन

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- 28 अप्रैल 2013, वेबअखबार। कहते है इतिहास बनता नहीं बनाया जाता है। इस कथन को प्रो0 डॉ0 एम0 बशीर अहमद खान ने सही कर दिखाया है, पर शायद वह यह मानने को तैयार न हो लेकिन यह सच है कि उन्होंने सही में अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया है। यह नाम उन्होंने अपने काम से हासिल की है। यहां सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के वर्तमान कुलपति की चर्चा हो रही है। पांडिचेरी विश्वविद्यालय के किसी प्रो0 डॉ0 एम0बशीर अहमद खान को इस विश्वविद्यालय का कुलपति बनाये जाने की बात जब सामने आयी थी, तो तरह-तरह की चर्चों में एक चर्चा यह भी था कि सरकार ने एक ऐसे व्यक्ति को यहां का कुलपति बना दिया जो हिन्दी तक बोलना नहीं जानते। अपनी समस्याओं को कुलपति के समक्ष रखने में थोड़ी तकलीफ होगी यही सोच लोग इस बात पर चर्चा कर रहे थे। लेकिन लोगों की सोच गलत निकली। योगदान के पहले दिन ही प्रो0 खान ने विश्वविद्यालय परिवार और स्थानीय पत्रकारों से हिन्दी में इस कदर बात की कि लोग आश्चर्य में रह गये। दुमका के एक ख्यातिप्राप्त पत्रकार ने भी इसकी पुष्टि की है कि यहां यदि 10 लोग शुद्ध हिन्दी बोलते होंगे तो उसमें प्रो0 खान का भी एक नाम शामिल होगा। प्रो0 खान के योगदान के पूर्व विश्वविद्यालय की समस्याओं में एक बड़ी समस्या थी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलना। जानकारी मिलने पर उन्होंने कहा लोग काम पैसे के लिए ही करते है। यदि समय पर वेतन नहीं मिले तो किसी से सही काम की अपेक्षा करना भी गलत होगा। सो, अब हर माह निर्धारित समय पर शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वेतन दिलाना मेरी प्राथमिकता होगी। हुआ भी यही अब इस विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों की जुबान से वेतन भुगतान की समस्या सुनने को नहीं मिल रही। जिस विश्वविद्यालय को कभी कॉलेज स्तर पर किसी विषय पर सेमिनार का आयोजन कराने को सोचना पड़ता था वहां आज राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आदि का आयोजन आम बात हो गया है। स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष लैपटॉप चलाते नजर आने लगे है। बतौर नये कुलपति प्रो0 खान से मेरी बातचीत गांधी जयंती के अवसर पर उस समय हुई थी जब वे दुमका के शिवपहाड़ चौक के करीब सड़क पर झाड़ू मार रहे थे। सुनकर आश्चर्य हुआ होगा, लेकिन यह सच है। गांधी जयंती वाले दिन प्रो0 खान जागरूकता अभियान के तहत लोगों को एनएसएस कार्यकर्ताओं के साथ बीच सड़क पर झाड़ू मारते नजर आये थे। पूछने पर कहा जब स्वच्छता के प्रति लोगों को जगाना ही है तो छात्र-छात्राओं के साथ कुलपति को झाड़ू मारने में परहेज कैसा। कहा विश्वविद्यालय का मतलब केवल डिग्री बांटना ही नहीं है। समाज को सही दिशा देना भी हमारा कर्तव्य है। 1992 ई0 में स्थापित इस विश्वविद्यालय का अपना भवन निर्माण कार्य प्रारंभ कराने की दिशा में कुलपति प्रो0 खान की भूमिका सर्वविदित है। प्रो0 खान के बारे में लिखने का तात्पर्य उनकी सेवा विस्तार की उठी मांग से है। यह मांग आज क्यों उठ रही है यह मंथन का विषय है। यह मांग न केवल यहां के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र कर रहे बल्कि शिक्षा जगत से जुड़े आम लोगों की भी यह मांग है। कुलपति के सेवा विस्तार की मांग पिछले दिनों सिंडिकेट की बैठक में भी सर्वसम्मति से पारित किया गया। विश्वविद्यालय सेवानिवृत्त शिक्षक संघ के संस्थापक सह महामंत्री डॉ0 मधुवंश झा के मुताबिक सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार किसी कुलपति के सेवा विस्तार की मांग उठी है। विश्वविद्यालय जगत से दूर रहने वाले कई लोगों को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए जब पूछा गया कि आखिर यह मांग क्यों उठ रही है तो जवाब मिला कि मांग कर रहे लोगों को यह डर है कि जो काम 21 साल में नहीं हुआ था आज शुरू हो गया कहीं कुलपति प्रो0 खान के जाते ही वह बंद न हो जाय। विकास की रेखा जो उन्होंने खींची है वह कम न हो जाय। इशारा विश्वविद्यालय भवन निर्माण कार्य की ओर था। यहां बता दें कि संताल परगना के चिर लंबित मांगों में विश्वविद्यालय का अपना भवन भी एक मांग शामिल है। यही बात पिछले दिनों विश्वविद्यालय भवन निर्माण के शिलान्यास समारोह में भाजपा के गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने भी कहा था। उन्होंने अपने भाषण में खुलेआम कहा था इस विश्वविद्यालय का विकास चाहते है तो इस कुलपति को जाने मत दीजिएगा। मंच पर तत्कालीन झारखंड सरकार में शामिल कई मंत्री भी विराजमान थे। बहरहाल, 13 जुलाई 2013 को अपना कार्यकाल पूरा करने वाले कुलपति प्रो0 खान को सेवा विस्तार मिले अथवा नहीं यह तो आने वाला समय तय करेगा। लेकिन यह सच है कि सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के इतिहास में कुलपति प्रो0 खान का नाम कई उपलब्धियों के कारण दर्ज हो गया है। प्रो0 खान के प्रयास से आज इस विश्वविद्यालय के नाम के साथ दुमका जैसे पिछड़े इलाके का भी नाम देश-विदेश में लोग जानने लगे है। 29 अप्रैल को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति मुख्य अतिथि बनकर आ रहे है यह भी इस विश्वविद्यालय के इतिहास में पहला अवसर है। राष्ट्रपति के इस कार्यक्रम से भी विश्वविद्यालय के साथ दुमका को प्रसिद्धि हासिल हुई है इसमें दो मत नहीं है।

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संताल परगना में मिल सकती है हड़प्पा व मोहनजोदड़ो से भी पुरानी सभ्यता : कुलपति

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( बातचीत करते कुलपति (बीच में) तथा टीम के सदस्य )

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गोड्डा, 28 फरवरी 2013, वेबअखबार। सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डॉ0 एम0 बशीर अहमद खान ने गुरूवार को स्थानीय परिसदन में बताया कि हड़प्पा और मोहनजोदड़ो से भी पुरानी सभ्यता संताल परगना में मिल सकती है। इसके प्रवल आसार हैं। कुलपति खान ने बताया कि संताल परगना में जमीनदोंज पुरातत्व पर खोज करने की जरूरत है। यह शोध करने वालों के लिए बड़ा ही दिलचस्प विषय है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में एक संग्रहालय बनाया जा रहा है। इसके लिए इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमरनाथ झा को बतौर समन्वयक तथा पुरातत्वविद पंडित अनूप कुमार वाजपेयी को सलाहकार का दायित्व दिया गया है। मैंने भी टीम के सदस्यों के साथ गोड्डा तथा साहिबगज जिले का दौरा किया तो पाया कि अगर सही रूप से इसपर कार्य किया जाय तो संताल परगना का नाम राष्ट्रीय पटल पर आ सकता है।

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कैसे किया दौरा

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कुलपति प्रो0 खान ने बताया कि मैंने राजमहल नामक पुस्तक को पढ़ी है। इसके लेखक पंडित अनूप कुमार वाजपेयी हैं। इसी पुस्तक में राजमहल तथा अन्य पुरातत्विक अवशेष का वर्णन है। मैंने 27 फरवरी को इस क्षे़त्र का दौरा किया। दौरा करने पर स्थिति को देख कर दंग रह गया। अनूप की लिखी बातों में सच्चाई थी। गोड्डा के पद्मपुर तथा सिंहेश्वर स्थान में भी कई शिलालेख हैं जो कई हजार वर्ष पहले के हैं। यहां पर लिखे शिलालेख को भी पढ़ने की जरूरत है।

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कहां-कहां गई टीम

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कुलपति प्रो0 खान ने बताया कि टीम के सदस्य साहिबगंज जिले के सकरी गली, गदवा पहाड़, मोती झरना, कन्हैया स्थान, जगत सेठ टकसाल, तेलिया गढ़ी, संगीदालान, बारकोप आदि स्थानों का दौरा किया। अधिकांश जगहों पर जीवाश्म का जखीरा बिखरा पड़ा है। केवल शोध करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय बनाएगी प्रोजेक्ट कुलपति प्रो0 खान ने बताया कि विश्वविद्यालय शीघ्र ही इसपर एक प्रोजेक्ट बनाएगी तथा सरकार को सौपेगी। जिससे सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट हो सके। इनका कहना था कि कुछ जीवाश्म तो बर्वाद हो गए तो कुछ लवारिश हालत में यत्र-त़त्र विखरे पड़े हैं। इसपर ध्यान देने की जरूरत है। अगर यहां पर जमींनदोंज पुरातत्वों की खुदाई की जाय तो संताल परगना का नाम राष्ट्रीय पटल पर आ सकता है, जिससे यहां राजस्व भी बढ़ेगा ।

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झारखंड के सभी कॉलेज व यूनिवर्सिटी में शुरू हो बायोमिट्रिक प्रणाली, राज्यपाल ने दिया आदेश

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(बैठक में उपस्थित राज्यपाल डॉ0 सैयद अहमद व अन्य )

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रांची, 26 फरवरी 2013, वेबअखबार। शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए झारखंड के सभी महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों में बायोमिट्रिक प्रणाली वाली मशीन लगायी जायेगी। इसके लिए मंगलवार को राजभवन में हुई एक बैठक में राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ0 सैयद अहमद ने एक माह के अंदर सभी महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में बायोमिट्रिक प्रणाली शुरू नहीं होने पर कार्रवाई करने की भी बात कही। बैठक में राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों एवं मानव संसाधन विकास विभाग के कंधों पर ही राज्य के विद्यार्थियों को शिक्षा सुलभ कराने की जिम्मेवारी है। सो, इस कार्य को उन्हें पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से करना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस जिम्मेवारी का वे निर्वहन ठीक से नहीं कर रहे हैं। मानव संसाधन विकास विभाग के उच्चाधिकारी विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण बैठकों में उपस्थित नहीं होते हैं एवं न ही विभाग के स्तर पर समीक्षा बैठकें हो रही है। इसका प्रतिफल यह होता है कि विश्वविद्यालयों की समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है। राज्य के विश्वविद्यालय तथा मानव संसाधन विकास विभाग अपनी जिम्मेवारी को समझे तथा आपस में बेहतर समन्वय स्थापित करें। बैठक में राज्यपाल के परामर्शी के0 विजय कुमार, विकास आयुक्त देवाशीष गुप्ता, प्रधान सचिव मानव संसाधन विकास विभाग डीके तिवारी, राज्यपाल के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, प्रधान सचिव कृषि अरूण कुमार सिंह, प्रधान सचिव कल्याण एल खियांग्ते, निदेशक उच्च शिक्षा के अतिरिक्त राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, वित्त परामर्शी, कुल सचिव उपस्थित थे। बैठक में राज्य के विश्वविद्यालय के कार्यों की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जो निर्णय कुलपति के स्तर पर अथवा विभागीय सचिव के स्तर पर होनी चाहिये, वह भी यहां नहीं हो पा रहा है। उन्होंने हिदायत दी कि बैठक में लिये गये निर्णयों को क्रियान्वित करें अन्यथा अब जिम्मेवारी निर्धारित कर कार्रवाई की जायेगी। जो कार्य जिस स्तर पर होनी है, वह उसी स्तर पर ससमय हो। बैठक में यह भी निदेश दिया गया कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय अपने-अपने विश्वविद्यालय से संबंधित सभी जानकारी एवं सूचनायें एक सप्ताह में अद्यतन करें। विशेष रूप से एकेडेमिक कैलेण्डर, परीक्षा विवरणी आदि के संबंध में। बैठक में राज्यपाल डॉ0 अहमद ने कुलपतियों को निदेश दिया कि नवअंगीभूत वैसे शिक्षकों को प्रोन्नति देने के लिए कार्रवाई की जाय, जिनकी नियुक्ति नियमानुकूल स्पष्ट है। उन्होंने यह निदेश दिया कि विश्वविद्यालयों में व्याख्याता एवं प्राचार्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए कार्रवाई प्रारम्भ की जाय। उन्होंने यह भी कहा कि छात्राओं की सुरक्षा के लिए यूजीसी के निदेशों का अनुपालन पूर्णतः की जाय। बैठक में यह निदेश दिया गया कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को अंक पत्र एवं प्रमाण-पत्र समय पर सुलभ करायें। बैठक में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निदेश दिया गया कि विश्वविद्यालय का एवं सभी अंगीभूत कॉलेजों का आंकेक्षण महालेखाकार विभाग के कार्यरत अंकेक्षक से जरूर करायंे। पहले कॉलेजों का अंकेक्षण हो तत्पश्चात् विश्वविद्यालय का। मात्र आन्तरिक अंकेक्षण से कार्य नहीं चलेगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालयों के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत रिक्त पदों की सूची अविलम्ब सभी साक्ष्यों एवं कागजातों के साथ शिक्षा विभाग को सौंपी जाय ताकि नियुक्ति की प्रक्रिया हर हाल में एक माह में शुरू हो सके। विश्वविद्यालय सभी परिनियम समितियों का गठन अधिनियम के अनुसार करें एवं उसकी सूची राज्यपाल सचिवालय को भी उपलब्ध करायें। कुछ विश्वविद्यालयों में उपरोक्त का गठन नहीं हुआ है। न्यायालय में लम्बित वादों के निष्पादन के लिए विश्वविद्यालय तत्परता से कार्रवाई करें एवं अवमानना वाद की संख्या को शून्य करें। राँची विश्वविद्यालय, नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय एवं कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलसचिव, उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में बैठक कर परिसम्पतियों एवं कर्मचारियों के बंटवारे का मामला 15 दिनों के निश्चित अवधि के अन्दर पूरा करें। बैठक में सिदो कान्हू मुर्मू एवं नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय को निदेश दिया गया कि वह अपना सत्र नियमित करें एवं लंबित परीक्षाफल का प्रकाशन शीघ्र करें। मौके पर राज्यपाल ने कल्याण विभाग के सचिव को निदेश दिया कि राँची में छात्राओं के लिए एक बेहतर छात्रावास का निर्माण, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित स्थान पर हो, करें। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों के लिये भी छात्रावास का निर्माण किया जाय।

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